आईसीडीएस के अधिकारी और बाबू भ्रष्टाचार में लिप्त : तुलिका
एक महिला की कलेक्टर से शिकायत को बताया बेहद गंभीर मामला @ कलेक्टर करवाएं महिला के शिकायत की निष्पक्ष जांच
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दंतेवाड़ा (पपलू)। माँझीपदर दंतेवाड़ा निवासी महिला एक महिला ने जिला महिला व बाल विकास विभाग में पदस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों पर अवैध वसूली करने और वित्तीय अनियमितता करने का गंभीर आरोप लगाया है। इस आशय की लिखित शिकायत कलेक्टर दंतेवाड़ा से की है।महिला की शिकायत का पत्र सोशल मीडिया में भी तेजी से वायरल हो रहा है।
इस मामले को काफी गंभीर बताते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष तुलिका कर्मा ने कलेक्टर से निष्पक्ष जांच की मांग की है। महिला का जो पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है उसमें लिखा है कि वरूण नागेश, जिला कार्यक्रम अधिकारी, संतोष झा, सहायक ग्रेड 02 एवं श्रीमती मनीषा ठाकुर, संरक्षण अधिकारी, नवा बिहान महिला एवं महिला एवं बाल विकास विभाग दन्तेवाड़ा के द्वारा अवैध वसूली की जाती है। वरूण नागेश, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग दन्तेवाड़ा के द्वारा विभागीय टेंडर प्रक्रिया के सत्यापनकर्ता में जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को नियमतः समिति में शामिल करना चाहिए, लेकिन इसके विपरीत महिला बाल विकास में पदस्थ संतोष झा, सहायक ग्रेड 02 के द्वारा श्रीमती मनीषा ठाकुर, संरक्षण अधिकारी, नवा बिहान को रखा जाता है क्योकि वह भी इनके द्वारा जहां सिग्नेचर करवाना चाहते है, उनके द्वारा कर सिग्नेचर कर दिया जाता है। उसके एवजं में उनके द्वारा कुछ रकम लिया जाता है ।
फरियादी महिला ने अपनी शिकायत में यह भी कहा कि जिले के समस्त स्कूलों में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का कार्यक्रम करवाया जाता है, किंतु महिला व बाल विकास विभाग के द्वारा शासन द्वारा प्रदाय बजट को स्कूल के बच्चों में खर्च नही किया जाता है और फर्जी बिल लगाकर बजट आहरण किया जाता है। इसकी पुष्टि समस्त स्कूलों से की जा सकती है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत वर-वधुओं को घटिया क्वालिटी के बिछिया व समस्त सामग्री वितरण किया गया था, उसमें भौतिक सत्यापनकर्ता अधिकारियों के द्वारा भी राशि में कटौती किये जाने हेतु निर्देशित किया गया था किंतु वरूण नागेश, जिला कार्यक्रम अधिकारी, संतोष झा द्वारा अपने कमीशन के लिए मोटी रकम निकाला गया है। महिला ने यह भी गंभीर आरोप लगाया है किसंतोष झा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए नीरू कश्यप सहायक ग्रेड-2 पोषण आहार शाखा के अपने परिजनों के नाम पर कलेक्टर दर पर कम्प्युटर आपरेटर प्रियंका कश्यप (जो विभाग में कार्य नही करती है) एवं उसकी माता के नाम पर भी आकस्मिक व्यय से प्रति माह एक मोटी रकम निकाला जाता है, जबकि महिला बाल विकास विभाग दन्तेवाड़ा में यह दोनों व्यक्ति कही भी पदस्थ नही है। जिसकी पुष्टि प्रति माह के ट्रेज़री के बिल से की जा सकती। फरियादी महिला ने विभाग में इन वित्तीय गड़बड़ियों के लिए जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग कलेक्टर से की है।